चुप रहने के इतने अद्भुत फायदे: लोग VALUE करेंगे तुम्हारी

चुप रहने के इतने अद्भुत फायदे: लोग VALUE करेंगे तुम्हारी
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नमस्कार दोस्तों, अगर मैं आपसे कहूं कि एक ऐसा इंसान है जो हमारे देश के लिए हर युद्ध लड़ता है, बार-बार वह युद्ध में घायल होता है और कभी-कभी मरते-मरते भी बच जाता है। उन्होंने कभी भाषण नहीं दिया और कभी पुरस्कार लेने नहीं गये। वह चुपचाप अपने देश के लिए लड़ते रहे।

तो आपके मन में उनके प्रति सम्मान की इमेज बन जाती है।

लेकिन हम आपको बता दें कि अगर वह इंसान राजनीति में आकर चिल्ला-चिल्लाकर अपने बारे में बताए और अपने जख्म दिखाए तो आपके मन में उस शख्स के लिए जो सम्मान की छवि बनी है वह कम हो जाएगी। अब आपको बता दें कि ये कोई कहानी नहीं बल्कि हकीकत है।


अब हम आपको चुप रहकर आपकी वैल्यू बढ़ाने के लिए कुछ क्वालिटी के बारे में बताने जा रहे हैं।


चुप रहने के फायदे | Chup Rahne Ke Fayde


चुप रहने के बोहोत सारे फायदे है। इन फायदों को आज हम थोड़ी बोहोत कहानियों के माध्यम से समझाने वाले हैं।


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1. बोलकर नहीं कुछ करके दिखाओ


  • बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो कोई भी बड़ा काम करने से पहले सबको बता देते हैं कि मैं यह करने जा रहा हूं। ऐसा करने से आपके सामने वाले लोगों को लगता है कि यह व्यक्ति बड़ा फेंक रहा है और इससे आपकी वैल्यू कम होने लगती है।
  • लेकिन आपको ये गलती नहीं करनी है।
  • अगर आप कुछ बड़ा करने के लिए मेहनत कर रहे हैं तो आपको इसके बारे में किसी को बताने की जरूरत नहीं है। जब आपका काम पूरा हो जाएगा, तो सभी को अपने आप से पता चल जाएगा कि आप क्या कर रहे थे।


ऐसा करने से आपका दूसरों के बीच सम्मान बना रहता है और आपका मान बढ़ता है।


2. दूसरों के लिए सोचें लेकिन अपने लिए भी सोचें


  • अब मैं आपको एक वैज्ञानिक की कहानी सुनाता हूं। ये वैज्ञानिक कुछ ज्यादा ही बोल गए, जिसकी वजह से इनका पूरा करियर बर्बाद हो गया।
  • यह 1945 की बात है। एक वैज्ञानिक था जो बहुत तेज़ दिमाग का था। उन्होंने DNA के बारे में कई खोजें की थी। उस समय DNA की फोटोग्राफ लेने की एक नई टेक्नोलॉजी सामने आई थी। शोध के दौरान वैज्ञानिक ने DNA की कई फोटोग्राफ लीं। इनमें से दो तस्वीरें बहुत फेमस हुईं। वैज्ञानिक को भी पता था कि ये दो तस्वीरें उन्हें नोबेल पुरस्कार दिला सकती थीं, लेकिन उनसे एक गलती हो गई।
  • इस वैज्ञानिक ने अपने एक रिश्तेदार को अपनी फोटोग्राफ के बारे में बताया। इस रिश्तेदार ने चुपके से ये फोटोग्राफ लेली और दो अन्य वैज्ञानिकों को बेच दि। आख़िरकार उन दोनों वैज्ञानिकों ने फोटोग्राफ प्रकाशित कर दी और आख़िरकार नोबेल पुरस्कार भी उन दोनों वैज्ञानिकों को दिया गया।
  • इतना ही नहीं, इस नई टेक्नोलॉजी में इतने हानिकारक रेडिएशन मौजूद थे कि तस्वीरें लेने के कारण वैज्ञानिक को कैंसर हो गया और उनकी मृत्यु हो गई।


यह कहानी बताती है कि दूसरों के बारे में सोचो लेकिन उससे पहले अपने बारे में सोचो।


3. लड़ो मत, चुपचाप खेलो


  • रूस में एक पावरफुल राजनीतिक व्यक्ति ने अपनी एक स्टेच्यू का ऑर्डर दिया। इस स्टेच्यू को बनाने वाले शख्स को इस स्टेच्यू को बनाने में कई महीने लग गए। इसके बाद वह स्टेच्यू बनकर तैयार हो गया। अंततः उन्होंने उस राजनीतिक व्यक्ति को अपनी स्टेच्यू देखने के लिए आमंत्रित किया।
  • वह राजनीतिक व्यक्ति एक पावरफुल व्यक्ति था, उसने मूर्ति को ध्यान से देखा और मूर्ति में कुछ खामिया निकाली। लेकिन सच तो ये है कि इस स्टेच्यू में कोई कमी नहीं थी।
  • उस समय स्टेच्यू बनाने वाला व्यक्ति बिना कुछ कहे ही स्टेच्यू को ठीक करने लगा लेकिन असल में वह स्टेच्यू को ठीक करने का नाटक कर रहा था।
  • अंतमे स्टेच्यू बनाने वाले व्यक्ति ने एक राजनीतिक पावरफुल व्यक्ति को स्टेच्यू देखने के लिए बुलाया और कहा कि अब स्टेच्यू ठीक हो गयी है। उस पावरफुल व्यक्ति ने स्टेच्यू बनाने वाले व्यक्ति को इनाम भी दिया।


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इस कहानी से पता चलता है कि बुद्धिमान लोग सही समय पर चुप रहना पसंद करते हैं। एक पावरफुल आदमी से लड़ने से जिसने मूर्ति बनाई थी इसको कोई फायदा नहीं होने वाला था। तो वह अपनी चुप रहने की शक्ति का प्रयोग करता है।


 4. चुप रहने की बजाय कुछ बोलें


  • अब मैं एक और कहानी सुनाता हू। एक आदमी था जो एक बक्सा यह कहकर बेच रहा था कि यह पैसे छापने की मशीन है। लेकिन वास्तव में वह नकली डिब्बा था। उसने यह बक्सा कई लोगों को बेचा और खूब पैसे कमाए।
  • जब लोग इस आदमी से कोई डिब्बा खरीदते थे और घर जाकर देखते थे कि वह खाली डिब्बा है। लोगों को पता चलने के बाद में वह पुलिस में शिकायत नहीं कर पाते थे क्योंकि अगर वह ऐसा करते तो उसके दोस्त और रिश्तेदार उसका मजाक उड़ाते।
  • एक दिन इस आदमी ने पैसे छापने की यह मशीन एक पुलिस अधिकारी को बेच दी। पुलिस अधिकारी ने घर में जाकर देखा तो पता चला कि वह खाली बक्सा है। पुलिस अधिकारी बहुत क्रोधित हुआ और उस आदमी का पता लगाकर उसके घर गया।
  • पुलिस अधिकारी ने उस आदमी का दरवाज़ा खटखटाया और बंदूक लेकर वहा खड़ा हो गया। पुलिस अधिकारी ने उस आदमी से पूछा कि तुमने मुझे यह नकली डिब्बा क्यों बेचा।
  • उस आदमी ने चुप रहने की बजाय यह कहा कि ये सच में पैसे छापने की मशीन है। शख्स ने इस डिब्बे में कुछ नकली नोट डाले और पुलिस अधिकारी को दिखाए। पुलिस अधिकारी ने यह देखकर सहमति जताई कि यह वास्तव में नोट छापने की मशीन थी।
  • अंततः जब पुलिस अधिकारी इस मशीन को ले जा रहा था तो अन्य पुलिसकर्मी ने उसे पकड़ लिया और पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया और पुलिस की नोकरी से निकाल दिया।
  • बाद में पता चला की उसी आदमी ने थाने जाकर बताया कि पुलिस अधिकारी के पास नकली नोट है।


यह कहानी बताती है कि अगर आप सही समय पर सही दिमाग का इस्तेमाल करें तो आप बहुत सारे नुकसान से बच सकते हैं। इसलिए सही समय आने पर आपको चुप नहीं रहना चाहिए।


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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों


1. क्या चुप रहना सही है?

ऐसी कई जगहें हैं जहां चुप रहना ही ठीक है। कई परिस्थितिया ऐसी आती हैं कि चुप रहने से हमें बहुत नुकसान हो सकता है, इसलिए चुप रहना परिस्थिति पर निर्भर करता है।


2. क्या चुप रहना कहना सही है?

'चुप रहो' कहने से बेहतर है 'कृपया चुप रहो' कहना। यह कहने का एक अच्छा और सही तरीका है।


3. कब चुप रहना चाहिए?

जब सामने वाला अहंकारी हो तो चुप रहना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से आपका मान बढ़ता है। जब आपसे बोलने के लिए न कहा जाए तो ज्यादातर समय चुप रहना ठीक है।


4. चुप रहना कैसे सीखे?

ज्यादातर जिस बात का आपको अनुभव ना हो उस बातचीत के दौरान आपको चुप रहना चाहिए। ऐसा करने से पता चलता है कि आप बीना जाने कोई बात नहीं करते है।

अगर सामने वाला व्यक्ति आपसे कोई बात करें तभी आपको बात करनी है ऐसा करने से वास्तव में आपकी वैल्यू बढ़ती है।


5. चुप रहना क्यों बुरा है?

जब चुप रहने से आपको बहुत बड़ा नुकसान हो रहा होता है तब चुप रहना बुरा होता है। आपको या फिर आपके अपनों पर आत्मरक्षा की बात हो तब चुप रहना बहुत बुरा होता है।


6. किसी को चुप रहने के लिए कहना बुरा क्यों है?

किसी को चुप रहने के लिए कहना एक अपमानजनक और आक्रामक तरीका है। ऐसा करने से बातचीत और रिश्ते भी खत्म हो सकते हैं। किसी विवाद में दूसरे को चुप रहने को कहने की वजह उससे सम्मानजनक बातचीत करने से आपका विवाद सुलझ सकता है।


7. कम बोलने से क्या नुकसान होता है?

सच बताएं तो वह कम बोलने से कोई नुकसान नहीं होता है। कम बोलने से लोगों में आपकी वैल्यू बढ़ती है। कम बोलने से आप अपने शब्दों को बोलने के बाद पछताना नहीं पड़ता है और खुद ही सोच कर अपने विचारों में सुधार ला सकते हैं। कम बोलने से आपके शब्दों की वैल्यू बढ़ती है।


अगर आपको यहां पर दी हुई सभी जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो हमारे ब्लॉग पर आने के लिए धन्यवाद।

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