टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज | टायफाइड से मिलेगा 100% आराम

टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज
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नमस्कार दोस्तों, आपको टायफाइड की बीमारी कभी ना कभी तो हुई होगी या फिर आपके परिवार में से किसी को टाइफाइड की बीमारी हुई होगी। आज हम टाइफाइड की बीमारी को जड़ से खत्म करने के इलाज के बारे में बात करने वाले हैं। टाइफाइड के बारे में और भी बहुत सारे रोचक जानकारियां भी आपको देंगे तो आप इस पोस्ट को अंत तक पढ़ना।


टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज | Typhoid Ko Kaise Khatm Karen


  • तरल पदार्थ ज्यादा पिए
  • सिर पर ठंडी पट्टी रख कर
  • तुलसी से
  • लहसुन से
  • लॉन्ग से
  • अनार से
  • छास से 
  • संतरे से
  • केले से


टाइफाइड ऐसी बीमारी है जिसमें बुखार बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। हमारे शरीर में 75% पानी होता है। जब टाइफाइड की बीमारी होती है तब दस्त और उल्टी जैसी समस्या लोगों में देखने को मिलती हैं। इस समस्या के कारण हमारे शरीर में पानी की बहुत कमी होने लगती है और शरीर डिहाइड्रेट होने लगता है। हमारे शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के लिए हमें तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए। टायफाइड में हम किसी भी फल का जूस या फिर मेडिकल में मिलने वाला ओआरएस पाउडर भी पी सकते हैं। तरल पदार्थ में सबसे बेहतर नारियल पानी होता है जिसको पीने से हमारा शरीर हाइड्रेट रहता है।


तुलसी मैं एंटीबैक्टीरियल क्षमता होती है जिससे हमारे शरीर के रोगों से लड़ने में मदद करती है। तुलसी को उबालकर रोजाना एक से दो गिलास पानी पीना चाहिए जिससे टाइफाइड की बीमारी में बहुत राहत मिलती है।


लहसुन में एंटीबैक्टीरियल गुण होता है जो हमारे शरीर के इम्युनिटी पावर को बूस्ट करता है। इसमें में मौजूद इस प्रकार के गुण के कारण टाइफाइड में होने वाले बुखार से थोड़ी बहुत राहत मिलती है। लहसुन को खाने से टाइफाइड में होने वाले दस्त और उल्टी में भी रात मिलती है।


लॉन्ग में जो एंटीबैक्टीरियल गुण होता है उससे टाइफाइड में पैदा होने वाले बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद मिलती है। लॉन्ग को पानी में उबालकर उसका पानी दिन में 1 से 2 गिलास पीना चाहिए जिससे आपको टाइफाइड बुखार में राहत मिलती है।


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टाइफाइड में सबसे जरूरी चीज शरीर को हाइड्रेट रखना होता है। टाइफाइड में अनार का उपयोग बहुत जरूरी होता है। अनार में पानी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है और वह आपके शरीर को हाइड्रेट रख पाता है। इसके लिए आपको अनार का जूस पीना चाहिए।


टाइफाइड बुखार में छाछ एक असरदार इलाज है। छाछ में आने वाला प्रोबायोटिक्स से हमारे शरीर की आंत का स्वास्थ्य अच्छा होता है और साथ ही शरीर हाइड्रेट भी रहता है। छाछ का उपयोग करने से हमारे शरीर में होने वाली पानी की कमी को पूरा किया जा सकता है। टाइफाइड में जो बुखार होता है वह जब उतर जाता है उसके बाद ही हमें छाछ पीनी चाहिए।


संतरे में बहुत सारे ऐसे पोषक तत्व पाए गए हैं जिससे हमारे शरीर को हाइड्रेट रहने में मदद मिलती है। संतरे से हमारे शरीर की इम्युनिटी पावर भी बढ़ती है। संतरे में आने वाले विटामिन आपके बुखार को काम करते हैं और सर दर्द को भी कम करते है।


केले में आने वाले पोषक तत्व टाइफाइड में होने वाले बुखार को काम करते हैं। केले से दस्त भी काम होता है। इस फल के जूस को पीने से शरीर में जो पानी की कमी होती है वह कमी भी पूरी की जा सकती हैं। इसके साथ यह फल टाइफाइड के लिए सबसे असर कारक माना जाता है।


टाइफाइड में बहुत पुराने समय से कहा जाता है कि जब आपको टाइफाइड का बुखार हो तब एक रुमाल को नमक के पानी में भिगोकर अपने सर पर रखना चाहिए। यह करने से आपका बुखार कम होता है और आपको टायफाइड में राहत दिलाता है।


इस तरह आप इन घरेलू इलाज से टाइफाइड को जड़ से खत्म करने में मदद मिलती है। लेकिन अगर टाइफाइड आपको ज्यादा बढ़ जाए तब डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।


टाइफाइड को जड़ से खत्म करने की दवाइयां और इलाज


नीचे हमने टाइफाइड को जड़ से खत्म करने के लिए बहुत सारी दवाइयां और इलाज बताए है। इन सारे इलाज करने से पहले आपको डॉक्टर की सलाह लेनी जरूरी है।


सिप्रोफ्लोक्सीन - जब आप डॉक्टर के पास जाओगे तो डॉक्टर आपको सिप्रोफ्लोक्सीन दवाई लेने की सलाह देता है। इस दवाई से टाइफाइड में राहत मिलती हैं। लेकिन यह दवाई गर्भवती महिलाएं नहीं खा सकती इसीलिए उनके लिए एक और दवाई की डॉक्टर सलाह देता है।


सेफ्ट्रीएक्ज़ोंन - यह दवाई जो महिलाएं गर्भवती होती है उन्हे इंजेक्शन के रूप में दी जाती है। जिसके कारण उनके बच्चे को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता।


अगर आपको टाइफाइड अधिक मात्रा में बढ़ जाए तो आपके आंत में छेद हो सकता है। जब आंत में छेद हो जाता है तब डॉक्टर आपको सर्जरी करने की सलाह देता है। इसीलिए आपको टायफाइड अधिक ज्यादा बढ़ने से पहले डॉक्टर के पास इलाज करवा लेना चाहिए।


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टाइफाइड के लक्षण | Typhoid Ke Lakshan In Hindi


टाइफाइड बुखार मैं रोगी के शरीर के अंदर जब टाइफाइड के बैक्टीरिया दाखिल होते है उसके 3 से 4 सप्ताह के बाद टाइफाइड के लक्षण दिखाई देते हैं। टाइफाइड में रोगी को सबसे पहले बहुत ज्यादा बुखार आ जाता है इसके कारण उसको ठंड लगने लगती है। बुखार बढ़ ने के कारण रोगी को कब्ज और उल्टी की भी समस्या देखने को मिलती है। टाइफाइड में रोगी को उल्टी और डायरिया के कारण शरीर के अंदर पानी की बहुत कमी हो जाती है। इसके लिए डॉक्टर ज्यादा पानी पीने की सलाह देता है। पानी की कमी से शरीर में और भी समस्याएं जैसे की सरदर्द, थकान और कमजोरी जैसी समस्याएं देखने को मिलती है। जब व्यक्ति टाइफाइड के रोग से ग्रस्त होता है तब उसे भूख बहुत कम लगती हैं। यह सभी लक्षण टाइफाइड के रोगी में देखने को मिलते हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण देखने को मिलता है तो तुरंत ही डॉक्टर के पास जाना चाहिए।


टाइफाइड बार-बार क्यों और कैसे होता है | bar bar typhoid kyon hota hai


  • अगर आपको टायफाइड बार-बार हो रहा है तो उसका सबसे बड़ा कारण गंदा पानी हो सकता है। क्योंकि गंदे पानी से ही बैक्टीरिया आपके शरीर के अंदर जा सकते हैं।
  • अगर आप किसी भी टाइफाइड से संक्रमित व्यक्ति का झूठा खा लेते हो तब भी आपको टायफाइड होने का खतरा रहता है।
  • टाइफाइड बैक्टीरिया से होने वाला रोग है। आपसे पहले तो आपको यह ख्याल रखना चाहिए कि बैक्टीरिया आपके शरीर के अंदर किसी भी प्रकार से ना जा पाए। 
  • आपको अपने आसपास और अपने शरीर की स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए जिससे आप टाइफाइड से बच सकते हैं।


टाइफाइड कितने दिन तक रहता है | Typhoid Kitne Din Tak Rahta Hai


टाइफाइड कितने दिन तक रहता है यह तो कुछ कहा नहीं जा सकता। लेकिन अगर आप टाइफाइड का इलाज अच्छे से कर रहे हो तो टाइफाइड ज्यादा से ज्यादा 2 से 4 सप्ताह तक रहता है। एक रिसर्च के अनुसार टाइफाइड से जल्द राहत पाने के लिए आपको पानी या फिर तरल पदार्थ का ज्यादा सेवन करना चाहिए।


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टाइफाइड के नुकसान | Typhoid Ke Nuksan 


जब आप टाइफाइड से ग्रस्त हो जाते हो तो आपको दस्त और उल्टी हो जाती जिसके कारण आप बहुत कमजोर महसूस करने लगते हो। अगर टाइफाइड अधिक ज्यादा बढ़ जाता है तो आपकी आंत में छेद भी हो सकता है। आपको बुखार और कमजोरी के कारण है बहुत सारे नुकसान होते हैं। इन सब से आपको बचाना है तो जल्द से ही टाइफाइड का इलाज करवाना चाहिए।


टाइफाइड में परहेज | Typhoid Me Kya Na Khaye 


  1. टाइफाइड में आपको बहुत ज्यादा तेज गंध वाले पदार्थ से दूर रहना चाहिए।
  2. आपको गैस बनाने वाले भोजन का परहेज करना चाहिए और भोजन में ज्यादा मिर्च मसाला का उपयोग नहीं करना चाहिए।
  3. टाइफाइड से ग्रस्त रोगी को मांसाहारी भोजन का परहेज करना चाहिए।
  4. इन मरीज को आहार पचने में कठिनाई हो ऐसा आहार नहीं लेना चाहिए।


FAQs


1. टाइफाइड बुखार में इंजेक्शन कितने लगते हैं?

टाइफाइड बुखार के इंजेक्शन 2 साल से कम उम्र के बच्चों को हर 48 घंटे में 4 बार लगते हैं।


2. क्या टाइफाइड छूने से फैलता है?

हा, टाइफाइड बुखार बैक्टीरिया से होने वाला रोग है। अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आते हो जो टाइफाइड से संक्रमित है तब आपको टाइफाइड हो सकता है।


3. टाइफाइड की एंटीबायोटिक दवा का नाम क्या है?

जब आप टाइफाइड की दवा करवाने डॉक्टर के पास जाओगे तब डॉक्टर आपको सिप्रोफ्लोक्सीन दवा लेने की सलाह देगा। लेकिन यह दवा गर्भवती महिलाओ को नही दी जा सकती।


4. टाइफाइड का हिंदी नाम क्या है?

टाइफाइड बुखार का हिंदी नाम आंत्र ज्वर है।


 अगर आपको यहां पर दी हुई सभी जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो हमारे ब्लॉग पर आने के लिए धन्यवाद।

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